उत्तराखंड। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए अपने चार साल पूरे कर लिए हैं और इन्हीं चार वर्षों में उत्तराखंड ने कई इतिहास भी रचे हैं।
उत्तराखंड में पहली बार ऐसा हो रहा है कि विपक्ष के पास मुद्दों का अभाव साफ तौर पर दिख रहा है क्योंकि कार्यों की पारदर्शिता और विकास की दूरदर्शिता ने कुछ ऐसा छोड़ा ही नहीं जिस पर विपक्ष भी अंगुली उठा ले ।
पुष्कर सिंह धामी युवा हैं और ऊर्जा भी भरपूर है इसलिए जनता भी कहती है कि उत्तराखंड को पहली बार इतना युवा और ऊर्जा से भरा मुख्यमंत्री मिला है जोकि एक ही दिन में नीती , माणा से लेकर धारचूला तक जा सकता है । रात 1 बजे तक फाइलों का काम भी निपटा सकता है ।
दरअसल किसी भी प्रदेश को सही रूप से चलाने और उसके विकास को गति देने के लिए मुख्यमंत्री का युवा होना आवश्यक है क्योंकि युवा दौड़ सकता है ,भाग सकता है , जनता में जोश दिला सकता है और त्वरित निर्णय ले सकता है और इन मानकों पर पुष्कर सिंह धामी फिट बैठते हुए दिखाई देते हैं।
आप याद कीजिए जब उत्तरकाशी की सिल्क्यारा टनल के अंदर कई जिंदगियां मौत के मुहाने पर खड़ी थी उस वक्त मुख्यमंत्री धामी की अग्नि परीक्षा थी कि कैसे वो इन लोगों की जिंदगीयां बचा सकते हैं। मुख्यमंत्री धामी ने एक्शन प्लान बनावाने से लेकर त्वरित निर्णय लेने की क्षमता का उपयोग करते हुए फंसे हुए लोगों को बाहर निकलवाया । शायद ये पूरी दुनिया की पहली ऐसी घटना है जब 17 दिनों तक फंसे 41 मजदूरों को सकुशल निकाला गया।
मुख्यमंत्री धामी के इन चार वर्षों में भाजपा के अंदर भी कोई धड़ेबाजी नहीं दिखाई दी वरना इससे पहले के जितने भी सरकारों के आप कार्यकाल देखेंगे तो शुरुआत से ही धड़ेबाजी दिखाई देती थी जिसकी वजह से विकास कार्य भी अवरुद्ध होते थे लेकिन मुख्यमंत्री के रूप में जहां धामी को सभी ने सहर्ष स्वीकार किया है वहीं इसकी वजह से विकास कार्यों में भी तेजी आई है।
जब हमने मुख्यमंत्री धामी के इन चार वर्षों के कार्यकाल को लेकर उनकी राय जानी तो कई ऐसी बातें सामने आई जिसने इसबात पर मुहर लगाई कि आज उत्तराखंड में सारी भर्तियां पारदर्शी और समयबद्ध तरीके से संचालित हो रही हैं।
देहरादून में कोचिंग कर रहे मनोज ने बताया कि अब बिना किसी भय और डर के हम लोग प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियां कर पा रहे हैं पहले लगता था कि युवा इतनी मेहनत भी करता है फिर भी सफल नहीं हो पाता लेकिन जबसे मुख्यमंत्री धामी ने नकल करवाने वालों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया और नकलरोधी कानून बनाया है हम युवाओं में भी एक जोश आया है और हमारे साथ के युवा भी लगातार परीक्षाएं पास करके नौकरियां पा रहे हैं।
वहीं स्वरोजगार की दिशा में देखा जाय तो आज कई गांवों में ग्रामीण महिलाएं अपनी खेती बाड़ी के साथ साथ होम स्टे भी चला रही हैं और उन्हीं होमस्टे में आने वाले पर्यटकों को पहाड़ी उत्पाद भी बेच रही हैं।
कुलमिलाकर देखा जाय तो युवा हाथों में कमान होने के कई फायदे प्रदेश को मिलते हुए दिखाई दे रहे हैं यही वजह है कि उत्तराखंड की प्रति व्यक्ति आय में भी निरंतर बढ़ोत्तरी हो रही है।
उत्तराखंड आंदोलन के बाद देखा गया स्वर्णिम प्रदेश का सपना आज फलीभूत होता हुआ नजर आ रहा है।