चमोली हादसे में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर संबंधित अभियंताओं को निलंबित कर दिया गया है।
जल संस्थान ने सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के कार्यों का अनुश्रवण कर रहे अपर सहायक अभियंता हरदेव लाल और ऊर्जा निगम के क्षेत्रीय अवर अभियंता कुंदन सिंह रावत को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। उक्त दोनों अभियंताओं को प्रथम दृष्ट्या जांच में लापरवाही का दोषी पाए जाने पर निलंबन की कार्रवाई की गई है।
चमोली में करंट लगने से हुए हादसे की जांच को लेकर मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागों के अधिकारियों को कार्रवाई के निर्देए हैं। साथ ही हादसे के कारणों का पता लगाकर दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई को कहा है। इसी क्रम में गुरुवार को दो अभियंताओं पर गाज गिरी।
अपर सहायक अभियंता हरदेव लाल निलंबित:
जल संस्थान की मुख्य महाप्रबंधक नीलिमा गर्ग ने बताया कि चमोली स्थिति सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के संचालन और रख-रखाव का कार्य आउटसोर्स माध्यम से मै. जयभूषण मलिक कांट्रैक्टर पटियाला की ओर से किया जाता है। जिसके अनुश्रवण की जिम्मेदारी जल संस्थान के अपर सहायक अभियंता हरदेव लाल की थी। विभागीय कार्यों व दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही बरते जाने पर अपर सहायक अभियंता हरदेव लाल को निलंबित कर दिया गया है।
निलंबन अवधि में उक्त अभियंता को रुद्रप्रयाग शाखा कार्यालय से संबद्ध किया गया है। इधर, ऊर्जा निगम ने भी प्रथम दृष्ट्या लापरवाही का दोषी पाए जाने पर अवर अभियंता कुंदन सिंह रावत को निलंबित कर अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण खंड गोपेश्वर कार्यालय से संबद्ध कर दिया है। अवर अभियंता ही क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति सुचारू रखने और फाल्ट आदि आने के साथ ही सुरक्षा मानकों के अनुपालन के लिए जिम्मेदार था।
जांच अभी जारी, आज निकल सकता है निष्कर्ष:
दुर्घटना की जांच के लिए चमोली पहुंचे सचिव पेयजल अरविंद सिंह ह्यांकी ने बताया कि प्रथम दृष्ट्या लापरवाही के दोषी पाए जाने पर दो अभियंताओं को निलंबित किया गया है। विशेषज्ञों की टीम घटना की जांच कर रही है। अभी जांच जारी है और शुक्रवार को भी विभिन्न पहलुओं पर जांच की जाएगी। इसके बाद ही दुर्घटना के कारणों का पता चल सकेगा।

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