वर्ष 2016 में हुए स्टिंग आपरेशन प्रकरण में गुरुवार को सीबीआइ ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत व पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत को नोटिस दिया। सीबीआइ की टीम सुबह हरीश रावत के नहीं मिलने के कारण उनके आवास से लौट गई थी। सायं को हरीश रावत ने स्वयं टीम को आवास पर उपस्थिति की सूचना उपलब्ध कराई।
वहीं नोटिस मिलने के बाद एक बार फिर सत्यमेव जयते का उद्घोष करते हुए रावत ने जांच एजेंसियों के दुरुपयोग पर चिंता तो जताई ही, साथ में उन्होंने कहा कि वह हर स्तर पर इस लड़ाई के लिए तैयार हैं। आखिरकार देश के सामने सच आकर रहेगा। वर्ष 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत के बहुचर्चित स्टिंग मामले में वायस सैंपल लेने के लिए सीबीआइ ने चार नेताओं को नोटिस जारी किए हैं।
इनमें हरीश रावत, हरक सिंह रावत के साथ ही कांग्रेस विधायक मदन सिंह बिष्ट और स्टिंगकर्ता एवं वर्तमान में निर्दलीय विधायक उमेश कुमार सम्मिलित हैं। इन नेताओं को नोटिस तामील कराए जा रहे हैं। गुरुवार सुबह दिल्ली से आई सीबीआइ की दो सदस्यीय टीम पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत के आवास पर पहुंची और उन्हें नोटिस दिया। यह टीम हरीश रावत के आवास पहुंची, लेकिन वह नहीं मिले। बाद में इसकी जानकारी उन्होंने इंटरनेट मीडिया पर अपनी पोस्ट में दी। उन्होंने कहा कि सीबीआइ जल्दी में थी।
वह गुरुवार सुबह कुछ दोस्तों को ईद की मुबारकबाद देने गए थे। उस दौरान सीबीआइ के लोग उनके घर पर नोटिस लेकर पहुंच गए। बाद में अपनी दूसरी पोस्ट में उन्होंने बताया कि सीबीआइ को उन्होंने स्वयं आमंत्रित किया और नोटिस प्राप्त किया।
सुनियोजित षड्यंत्र के रूप में हुआ स्टिंग: हरीश रावत
नोटिस जारी होने की सूचना पर सत्यमेव जयते का उद्घोष कर चुके हरीश रावत ने इसे दोबारा दोहराया। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि स्टिंग आपरेशन मामले से कांग्रेस और उन्हें जितना नुकसान होना था, वर्ष 2016-17 में हो चुका है। उनकी व्यक्तिगत प्रतिष्ठा को भी ठेस पहुंची। जांच एजेंसियां जितना उत्पीडऩ कर सकती हैं, वह झेलने को तैयार हैं। सीबीआइ कोर्ट और उससे आगे भी हर स्तर पर लड़ेंगे। स्टिंग में जिन्हें खरीदने के आरोप लगे, वे कहां हैं। कांग्रेस से निकाले जाने से पहले सभी पार्टी के विधायक ही थे। उनसे बातचीत को कानूनन किस प्रकार गलत ठहराया जा सकता है। और भी स्टिंग किए गए। दोस्ती में फांस कर उकसाने की बात भी इसमें सामने आई। यह सबकुछ सुनियोजित तरीके से किया गया। सबने देखा कि सत्तारूपी रावण ने किस तरह सत्ता का हरण किया।
नोटिस मिला, आगे करेंगे कार्यवाही: हरक सिंह
पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि सीबीआइ का नोटिस उन्हें मिल चुका है। इस संबंध में आगे की कार्यवाही पर विचार किया जा रहा है। इस मामले में सीबीआइ देहरादून ब्रांच के अधिकारियों ने कहा कि यह मामला दिल्ली ब्रांच के पास है। इस मामले में सीबीआइ की विशेष अदालत में अगली सुनवाई चार जुलाई को होनी है। यह है मामला वर्ष 2016 में कांग्रेस की तत्कालीन सरकार में बगावत के बाद मुख्यमंत्री हरीश रावत का एक स्टिंग सामने आया था। इसमें मुख्यमंत्री हरीश रावत अपनी सरकार को बचाने के लिए विधायकों का मोल-भाव करते दिखाए गए थे।
एक अन्य स्टिंग में कांग्रेस के तत्कालीन विधायक मदन सिंह बिष्ट के होने का दावा किया गया। इस स्टिंग में पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के भी शामिल होने की बात कही गई। दावा किया जाता है कि इन दोनों के स्टिंगकर्ता उमेश कुमार हैं। प्रकरण की जांच सीबीआइ को सौंपी गई। स्टिंग में जो आवाजें हैं, उनके मिलान के लिए वायस सैंपल लेने की अनुमति सीबीआइ ने अदालत से मांगी थी।

Профессиональный сервисный центр по ремонту бытовой техники с выездом на дом.
Мы предлагаем:сервисные центры по ремонту техники в мск
Наши мастера оперативно устранят неисправности вашего устройства в сервисе или с выездом на дом!