देहरादून। दून अस्पताल की ईएनटी (ENT) सर्जनों की जांबाज़ टीम ने एक साल के मासूम बच्चे की जान बचाकर एक मिसाल कायम की है। बच्चे की श्वास नली में फंसा मूंगफली का दाना मौत का कारण बन सकता था, लेकिन टीम की विशेषज्ञता और त्वरित एक्शन ने चमत्कार कर दिया।
क्या हुआ:
बच्चे को सांस लेने में गंभीर परेशानी के बाद परिवार हरिद्वार और ऋषिकेश के अस्पतालों के चक्कर काटता रहा।
केस की अति-गंभीरता को देखते हुए, परिवार एम्स ऋषिकेश भी पहुँचा, लेकिन ICU बेड खाली न होने के कारण उन्हें दून अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया।
जब रात के 2 बजे बच्चा दून अस्पताल लाया गया, तब तक उसकी हालत बेहद नाज़ुक हो चुकी थी।
रात भर चला ‘लाइफ-सेविंग ऑपरेशन’:

वरिष्ठ ईएनटी सर्जन डॉ. आर.एस. बिष्ट के नेतृत्व में, ईएनटी टीम के विशेषज्ञ डॉ. मोहिसीन, डॉ. गीतंजलि, डॉ. सन्याश, डॉ. हेमंत, और डॉ. ज्योति ने बिना एक पल गंवाए ऑपरेशन शुरू किया।
डॉक्टरों की टीम ने दूरबीन (Endoscope) की मदद से सफलतापूर्वक वह दाना बाहर निकाला। डॉक्टरों ने बताया कि यह ऑपरेशन बेहद जोखिम भरा था, लेकिन टीम के समन्वय और अनुभव ने इसे सफल बना दिया।
यह जीत दून अस्पताल की ईएनटी टीम की असाधारण विशेषज्ञता और समर्पण को दर्शाती है। जब बड़े संस्थानों ने भी हाथ खड़े कर दिए, तब हमारे सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों ने साबित किया कि उनके पास हर चुनौती से निपटने की काबिलियत है।
