प्रदेश में राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा छह से 12वीं तक मेधावी विद्यार्थियों की पढ़ाई में उनकी कमजोर आर्थिक स्थिति बाधा नहीं बनेगी।
मुख्यमंत्री मेधावी छात्रवृत्ति योजना उनके लिए बड़ा सहारा बनने जा रही है। सरकार ने इसके लिए मानक तय कर दिए हैं।
मुख्यमंत्री मेधावी छात्रवृत्ति योजना के लिए मानक तय:
छठी और आठवीं कक्षाओं में अलग-अलग परीक्षा के आधार पर बनने वाली मेरिट से छात्रवृत्ति दी जाएगी।
10वीं व 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में 90 प्रतिशत से अधिक प्राप्त करने वाले समस्त छात्र-छात्राएं छात्रवृत्ति के पात्र होंगे।
10वीं उत्तीर्ण करने वाले पात्रों को 1500 रुपये और 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करने वाले पात्रों को 2000 रुपये मासिक छात्रवृत्ति मिलेगी।
चार महत्वपूर्ण योजनाओं को हरी झंडी
सचिवालय में अपर मुख्य सचिव वित्त आनंद बद्र्धन की अध्यक्षता में हुई बैठक में मुख्यमंत्री मेधावी छात्रवृत्ति योजना समेत चार महत्वपूर्ण योजनाओं को हरी झंडी दिखाई गई। वित्त की सहमति मिलने के बाद इन योजनाओं के क्रियान्वयन का रास्ता लगभग साफ हो गया है।
बैठक में मुख्यमंत्री मेधावी छात्रवृत्ति योजना के शिक्षा विभाग के प्रस्ताव को संशोधन के साथ स्वीकृति दी गई। इस योजना के अंतर्गत कक्षा छह से लेकर 12वीं तक छात्रवृत्ति दी जाएंगी।
राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में अध्ययनरत लगभग 80 हजार विद्यार्थियों में प्रतियोगिता को बढ़ावा देने, ड्रापआउट रोकने के साथ ही शिक्षा की गुणवत्ता को ध्यान में रखकर सरकार ने छात्रवृत्ति योजना की दिशा में कदम बढ़ाए हैं।
ब्लाकवार मेरिट के आधार पर मिलेगी छात्रवृत्ति
छठी कक्षा में 600 रुपये, सातवीं कक्षा में 700 रुपये, आठवीं कक्षा में 800 रुपये, नौवीं कक्षा में 900 रुपये और 10वीं कक्षा में 1000 रुपये मासिक छात्रवृत्ति मिलेगी।
यह तय किया गया कि छठी और आठवीं कक्षा में छात्रवृत्ति परीक्षा होगी।
इस परीक्षा की ब्लाकवार मेरिट बनेगी।
इस मेरिट के आधार पर 10 प्रतिशत मेधावियों का चयन कर उन्हें छात्रवृत्ति दी जाएगी।
10वीं और 12वीं बोर्ड की परीक्षा में 90 प्रतिशत से अधिक अंक लाने वाले समस्त छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति देने का निर्णय लिया गया है।
अब इस संशोधित निर्णय के अनुसार शिक्षा विभाग छात्रवृत्ति योजना का प्रस्ताव तैयार करेगा।
4450 पदों पर आउटसोर्स से होगी भर्तियां:
अन्य महत्वपूर्ण निर्णयों में प्रदेश में शिक्षा विभाग में रोजगार का पिटारा खुलने पर सहमति बनी। राजकीय विद्यालयों में चतुर्थ श्रेणी के रिक्त 3500 पदों और ब्लाक रिसोर्स परसन (बीआरसी) और क्लस्टर रिसोर्स परसन (सीआरसी) के 950 पदों को आउटसोर्स से भरा जाएगा।
इन कुल 4450 पदों पर भर्तियां एक माह के भीतर संपन्न कराई जाएंगी। प्रदेश में राजकीय विद्यालयों में कक्षाएं प्रारंभ होने से लेकर समाप्त होने तक घंटी बजाने से लेकर अन्य आवश्यक कार्यों के लिए चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के 3500 पद रिक्त हैं। इन पदों को आउटसोर्स से भरा जाएगा।
आउटसोर्सिंग से भरेंगे बीआरपी-सीआरपी के पद:
साथ में राजकीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता से लेकर समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत संचालित केंद्रीय योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए बीआरपी और सीआरपी के 950 पदों पर नियुक्ति होगी।
इन्हें आउटसोर्स से भरने का निर्णय लेते हुए नए रोजगार के द्वार खोले गए हैं। बैठक में सम्मिलित रहे शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने बताया कि आउटसोर्स नियुक्ति के लिए एजेंसी का चयन शीघ्र किया जाएगा, ताकि महीनेभर में भर्तियां की जा सकें।
1500 क्लस्टर विद्यालयों में होंगी समस्त सुविधाएं:
उन्होंने बताया कि बैठक में 1500 क्लस्टर विद्यालयों की स्थापना को भी स्वीकृति दी गई। इस योजना के अंतर्गत प्रदेश में राजकीय प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, हाईस्कूल और इंटरमीडिएट विद्यालयों को एक साथ जोड़कर क्लस्टर विद्यालय स्थापित किए जाएंगे। इन विद्यालयों में गुणात्मक शिक्षा के लिए आवश्यक समस्त सुविधाएं उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया।