कैबिनेट ने प्रांतीय रक्षक दल (पीआरडी) जवानों के लिए नए एक्ट के प्रारूप को मंजूरी दे दी है। इसमें पीआरडी कर्मियों को अवकाश और महिला पीआरडी कर्मियों को मातृत्व अवकाश देने की व्यवस्था की गई है। इतना ही नहीं, पुलिस के साथ यात्रा, मेले व कावंड़ आदि में शांति व्यवस्था बनाने में जुटे पीआरडी कर्मियों को दुर्घटना अथवा मृत्यु की स्थिति में वही लाभ प्राप्त होंगे, जो पुलिस कर्मियों को प्राप्त होते हैं। साथ ही पीआरडी कर्मियों की भर्ती की आयु अब 18 से 42 वर्ष और सेवानिवृत्ति की आयु 60 वर्ष की जा रही है। पहले यह आयु 50 वर्ष थी।
कैबिनेट ने पीआरडी एक्ट के प्रारूप को दी मंजूरी:
बुधवार को हुई कैबिनेट में युवा कल्याण विभाग के पीआरडी एक्ट से संबंधित अहम विषय को स्वीकृति दी गई। खेल एवं युवा कल्याण मंत्री रेखा आर्या ने बताया कि उत्तराखंड में अभी तक पीआरडी एक्ट 1948 लागू था। अब सरकार उत्तराखंड का अपना पीआरडी एक्ट बनाने जा रही है, जिसमें पीआरडी कर्मियों की सुविधाओं में काफी बढ़ोत्तरी की गई है।
उन्होंने कहा कि इस एक्ट में यह व्यवस्था की गई है कि पीआरडी कर्मियों को अब केवल सुरक्षा ही नहीं बल्कि तकनीकी, चतुर्थ श्रेणी व अन्य विभाग में जिस प्रकार की जरूरत है, वहां उन्हें समायोजित किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि अभी तक पीआरडी कर्मियों को अवकाश की व्यवस्था नहीं थी। अब मानवीय पहलू को ध्यान में रखते हुए इसमें अवकाश व मातृत्व अवकाश भी देने की व्यवस्था की गई है।
उन्होंने पीआरडी एक्ट में संशोधन के प्रस्ताव को स्वीकृति देने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि इससे पीआरडी जवानों को काफी सहूलियत होगी।