उत्तराखंड का राज्य पशुधन मिशन अक्टूबर तक आकार ले लेगा। राष्ट्रीय पशुधन मिशन की तर्ज पर बनाए गए इस मिशन को अब धरातल पर मूर्त रूप देने को कसरत तेज कर दी गई है। इसके तहत पशुपालकों को कम ब्याज दर पर ऋण मुहैया कराया जाएगा, ताकि पशुपालन से जुड़ी गतिविधियों में तेजी आने के साथ ही स्वरोजगार के अवसर सृजित हो सकें।
पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा के अनुसार मिशन को कैबिनेट की मंजूरी पहले ही मिल चुकी है। अब वित्त विभाग की हरी झंडी मिलने के बाद इसे प्रारंभ कर दिया जाएगा। राष्ट्रीय पशुधन मिशन के तहत पशुपालन से जुड़ी वृहद योजनाओं के लिए तो ऋण का प्रावधान है, लेकिन छोटे पशुपालकों को इसमें दिक्कत आ रही थी।
इस दिक्कत को देखते हुए पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा की पहल पर राष्ट्रीय मिशन की तर्ज पर राज्य का अपना पशुधन मिशन प्रारंभ करने की कसरत शुरू की गई। कुछ समय पहले कैबिनेट की बैठक में यह प्रस्ताव रखा गया, जिसे स्वीकृति मिली। अब इसे धरातल पर उतारने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाए जा रहे हैं।
क्या है राज्य पशुधन मिशन:
राज्य पशुधन मिशन में गाय, बकरी, मुर्गी पालन समेत पशुपालन से जुड़ी अन्य गतिविधियों को छोटे स्तर पर प्रारंभ करने के मद्देनजर पशुपालकों के लिए आठ से नौ प्रतिशत कम ब्याज दर पर ऋण की उपलब्धता रहेगी। इसके पीछे सरकार की मंशा किसानों की आय में बढ़ोतरी के साथ ही स्वरोजगार के अवसर सृजित करना है।
सरकार से की गई 17 करोड़ की मांग:
विभाग ने मिशन को प्रारंभ करने के लिए 17 करोड़ रुपये के बजट की मांग शासन से की है। इससे संबंधित फाइल वित्त विभाग को भेजी गई है। पशुपालन मंत्री बहुगुणा के अनुसार मिशन के लिए पोर्टल समेत अन्य औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं। इसमें दो-ढाई माह का वक्त लगना तय है। तब तक वित्त विभाग से भी हरी झंडी मिल जाएगी। प्रयास ये है कि अक्टूबर से राज्य पशुधन मिशन को कार्यरूप में परिणत कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि मिशन में राज्य के पर्वतीय क्षेत्र के किसानों को वरीयता दी जाएगी।